मैट्रिक परीक्षा में पास कराने के नाम पर ठगी की साजिश

फेल बताकर छात्रों से पैसे मांग रहे ठग


साइबर ठगों ने कभी बैंक की पर्सनल जानकारी लेकर तो कभी इनाम का झांसा देकर यहां के साइबर ठगों ने देशभर के लोगों को चूना लगाया है। पिछले एक-डेढ़ साल से साइबर क्राइम को कंट्रोल करने के लिए साइबर थानों के गठन और सख्‍ती के बाद ठगी के नये-नये पैंतरे आजमाये जा रहे हैं। कोरोना के कारण लॉकडाउन की वजह से झारखंड बोर्ड का रिजल्‍ट अभी जारी नहीं किया जा सका है। परीक्षार्थियों को जहां रिजल्‍ट का इंतजार है, वहीं साइबर ठग भी इस मौके को भुनाने की तलाश में लगे हैं। सबसे आश्‍चर्य की बात है  कि.... 

 पास कराने के लिए हर छात्र से मांग रहे 5000 से 10000 रुपये

 


सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र सुविधाओं और संसाधन की कमी के बावजूद बेहतर करने के प्रयास में लगे रहते हैं।मैट्रिक की परीक्षा भविष्‍य के सपनों का रास्‍ता खोलता है। यह परीक्षा की वह घड़ी होती है, जिसमें शामिल छात्रों का दिल हर बढ़ते कांटे के साथ परिणाम आने तक धड़कता रहता है।  शामिल छात्रों को विभिन्‍न विषयों में फेल बताकर उन्‍हें पास कराने के लिए 5000-10000 रुपये तक मांगे जा रहे हैं।

ऐसे बना रहा अपना शिकार

झारखंड राज्‍य के देवघर जिला अंतर्गत देवीपुर थाना क्षेत्र के सिरसिया गांव निवासी अमन कुमार राय ने मैट्रिक की परीक्षा दी थी। अमन भी दूसरे साथियों की तरह दसवीं की परीक्षा के परिणाम का इंतजार है। इसी 25 मई को उसे एक फोन कॉल आता है। फोन करने वाला खुद को जैक (Jharkhand acamedic council) से बताते हुए रांची से कॉपी चेक करने वाला बताता है। कॉलर उसके स्‍कूल का नाम, पता आदि बताकर गणित विषय में फेल बताते हुए छह हजार रुपये की मांग करता है। कॉलर यह भी बताता है कि पैसे बड़े अधिकारी को दिये जायेंगे। हालांकि, अमन पैसे देने के बारे में अपने अभिभावक से पूछने की बात कहकर फोन काट देता है।


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