स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर जीतें कोरोना से जंग
COVID-19 बीमारी से आज पूरी दुनिया में कोहराम मचा हुआ है। लॉकडाउन के कारण लोग घरों में रहने को मजबूर हैं। यह लॉकडाउन कोरोना संक्रमण के प्रभाव से बचाने के लिए लगाया गया है। इसमें एक अच्छी बात यह है कि लोग अपने परिवार का महत्व समझ रहे हैं और ज्यादा से ज्यदा वक्त गुजार रहे हैं। मगर, इसका एक दूसरा पहलू यह भी सामने आ रहा है कि घरों में कैद रहने व कामकाज के अभाव में लोग मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं। आम से लेकर सेलिब्रिटी तक इस तनाव को नहीं झेल पा रहे हैं, देश और दुनिया भर में तनाव के कारण आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए, जरूरी है कि लोग स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर कोरोना से जंग लड़ें।
अपनायें यह रणनीति
चिकित्सा आपको केवल बीमारी के इलाज में मदद कर सकती है, लेकिन अगर स्वस्थ रहना है तो यह आपपर निर्भर करता है कि आप अपना स्वास्थ्य कैसे बनाये रखते हैं। हम सभी जन्म से लेकर जीवनभर किसी न किसी रूप में संक्रमण का शिकार होते हैं। फिर चाहे वह सर्दी, खांसी, सूंघने की शक्ति, रैशेज, खांसी, उल्टी, दर्द, पसीना और कंपकंपी आदि की परेशानी हो। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जीवन भर इनका सामना करती रहती है। फिर इसके बाद दूसरे वायरस बीमारी से जिनसे लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरोधक शक्ति का होना काफी आवश्यक है। यदि आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो जीवनशैली में अनुशासन के साथ प्रकृति से जुड़ना होगा। इसलिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने या बरकरार रखने के लिए सफेद रक्त कोशिका का निर्माण और मजबूत होना काफी जरूरी है, अतः हर आप हरसम्भव वह प्राकृतिक उपाय करें जो आपको स्वस्थ रखे। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए यह करें....
1. पिज्जा बर्गर छोड़ें, साग सब्जियों से नाता जोड़ें
आधुनिकता की चकाचौंध और स्टेटस बनाये रखने के लिए हम सामान्य परिवेश और उन सभी खानपान को त्याग रहे हैं जिन्हें स्वस्थ शरीर की नितांत आवश्यकता है। पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज़, सॉफ्ट ड्रिंक, बॉर्बन के साथ साथ चाइनीज और थाई फ़ूड आज लोगों की पहली पसंद बन चुकी है। सुबह के नाश्ते से लेकर रात के भोजन तक बच्चे से लेकर बड़ों की थाली इसके बिना अधूरी हो गयी है। ये खाने में तो लजीज लगते हैं पर यह शरीर को बीमारी ही देते हैं। इनसे सफेद रक्त कोशिका का निर्माण तो बाधित होता ही है, शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र भी कमजोर होने लगता है।
भोजन में इसे करें शामिल:
उच्च फल, सब्जियां और नट्स का सेवन करें। पर्याप्त प्रोटीन लें। हो सके तो बीच बीच में अंडे, मांस और मछली का सेवन करें या फिर मशरूम, बिट को अपने भोजन में नियमित रूप से शामिल करें। किसी भी इंसान को जन्म के समय में मां के दूध से बेहतर कोई पोषक तत्व या प्रतिरक्षा किसी में नहीं हो सकती है। जो नवजात या बच्चे स्तनपान करते हैं, उनके शरीर के विकास और बीमारियों से लड़ने की क्षमता कहीं बेहतर पाई जाती है।
2. सात से आठ घंटे की अच्छी नींद जरूरी
इंसान हो या जानवर नींद सभी केलिए जरूरी है। ईश्वर ने या कहें तो पूरे ब्रह्मांड में दिन और रात शायद इसलिए बनाया है कि उसकी थकी हारी ऊर्जा को फिर एक नयी स्फूर्ति प्रदान कर अगले दिन के लिए शरीर को ऊर्जावान रख सके। नींद की कमी ही शारीरिक और मानसिक तनाव बढ़ाता है। जिस कारण
आप बीमार महसूस करते हैं। छोटे बच्चों की भी नींद पूरी नहीं होने या फिर उनकी नींद में बाधा
डालने पर श्वसन संबंधी संक्रमण अधिक होता है।
3.तनाव लेना खतरनाक, इससे बचें
कोई भी इंसान तनाव में नहीं रहना चाहता, मगर किसी न किसी कारण से वह तनावग्रस्त हो जाता है। इस कारण उसके निजी, पारिवारिक और सामाजिक संबंध भी खराब होने लगते हैं। तनाव के कारण एपिनेफ्रीन और कोर्टिसोल ग्रंथियों पर असर पड़ता है। तनाव के कारण आदमी बीमारियों का शिकार तो होता ही है, आत्महत्या व अन्य आपराधिक घटनाएं भी कर बैठता है।
4. रोजाना करें व्यायाम, योग और प्राणायाम
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अच्छे खानपान के साथ व्यायाम भी काफी जरूरी है। व्यायाम के साथ योग और प्राणायाम शरीर को चुस्त दुरुस्त तो रखता है ही मानसिक रूप से भी काफी सकून देता है। बीमारियों और तनाव से बचने में व्यायाम, योग और प्राणायाम जरूर करें। साथ ही तेल की मालिश जरूर लें।
5. सामाजिक बनने की आदत डालें
हममें से कई लोग एकांत व अलग रहना पसंद करते हैं। यह कुछ दिनों तक राहत तो जरूर देता है, मगर बाद में यही तनाव कीवजह बन जाता है। एकांत या अलग रहने वाले लोग मुसीबत या फिर बीमारी के वक्त भी अकेले पड़ जाते हैं। इससे तनाव और आत्महत्या या फिर कोई गलत निर्णय लेने पर मजबूर कर देता है। इसलिए आप जितना सामाजिक बने रहेंगे, आप तन-मन से उतना ही स्वस्थ रहेंगे।
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