इतिहास में पहली बार सावन में भक्त नहीं कर सकेंगे बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण
हिन्दू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। यह महीना भगवान शिव के दर्शन पूजन के लिए काफ़ी उपयुक्त माना गया है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ पर जल चढ़ाने के लिए पूरे महीने भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। मगर, इस साल कोरोना महामारी का असर बाबा के भक्तों पर भी पड़ा है। इतिहास में सम्भवतः ऐसा पहली बार होगा जब द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक बाबा बैद्यनाथ का मंदिर सावन के महीने में बंद रहेगा। केवल तीर्थ पुरोहित ही परम्परा के अनुसार बाबा की पूजा करेंगे।
देवघर में दूसरे राज्य के वाहनों के प्रवेश पर रोक, बॉर्डर पर पुलिस तैनात, बाबा मंदिर के बाहर लगा बैरियर
कोरोना महामारी से बचाव के लिए झारखंड सरकार ने जुलाई महीने में भी धार्मिक स्थलों को बंद रखने का निर्णय लिया है। इसके बाद देवघर प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क हो गया है। देवघर के बॉर्डर पर चेक पोस्ट पर पुलिस की तैनाती कर दी गयी है। दूसरे राज्य के वाहनों के प्रवेश पर रोक है। बाबा मंदिर के बाहर भी बैरियर लगाई गयी है। भक्तों को देवघर में प्रवेश से रोकने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है।
बिहार के सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर हर साल आते थे 25-30 लाख श्रद्धालु
सावन के महीने में रोजाना लगभग 80,000-90,000 श्रद्धालु बिहार के भागलपुर जिला अंतर्गत सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर करीब 120 किमी का सफर तय कर श्रद्धालु देवघर बाबाधाम पहुंचते थे। इनमें सबसे बड़ी तादाद पैदल चलकर आने वाले श्रद्धालुओं की होती है। ये कंधे पर काँवर लेकर आते थे, इसलिए इन्हें कांवरिया भी कहा जाता है। इसके अलावे सायकिल, मोटरसाइकिल, बस और अपनी निजी गाड़ियों से भी बाबाधाम पहुंचते थे। सावन की हर सोमवारी को तो बाबाधाम आने वाले कांवरियों की संख्या 1.20 लाख से 1.40 लाख तक हो जाती थी। लेकिन इस बार यह दृश्य लोगों को नहीं देखने को मिलेगा।
सावन से तीन महीने पहले ही शुरू हो जाती थी कांवरियों की व्यवस्था, इस बार रोकने की तैयारी
इससे पहले सावन शुरू होने से तीन महीने पहले से ही कांवरियों को सुलभ जलार्पण की व्यवस्था में पूरा प्रशासन जुट जाता था। लेकिन, शायद इतिहास में यह पहला मौका होगा जब प्रशासन भक्तों को देवघर में प्रवेश से रोकने के लिए पूरी सख्ती बरत रहा है।
बाबा बैद्यनाथ का कैसे करें दर्शन
भक्त भले ही बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण नहीं कर सकें, मगर बाबा के ऑनलाइन दर्शन की सुविधा प्रशासन और सरकार ने कर दी है। आप झारखण्ड सरकार की वेबसाइट या देवघर जिला प्रशासन की आधिकारिक वेबसाइट पर भी बाबा का ऑनलाइन दर्शन कर सकते हैं।