झारखण्ड और बंगाल के श्रमिकों को आने के लिए सरकार से मंजूरी का इंतजार

लौटना चाह रहे हैं भूटान में काम कर रहे 350 भारतीय श्रमिक

भूटान में भारतीय प्रवासी

COVID 19 के कारण लॉकडाउन में जहां काफी तादाद में देश के अंदर प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक लाने का सिलसिला जारी है, वहीं, दूसरी ओर सरकार की पहल पर दुनिया भर के कई देशों में फंसे प्रवासी भारतीयों को भी लाया गया है। लेकिन, इन सबके बीच एक देश ऐसा भी है, जहां फंसे 350 भारतीय श्रमिक अब भी अपने देश आने के इंतजार में हैं। हम बात कर रहे हैं हमारे पड़ोसी देश भूटान की, जहां पर जल विद्युत परियोजना (पीआईआई) में लगे हुए भारतीय श्रमिक अपने देश आने की राह देख रहे हैं।
भूटान की एक वेबसाइट के अनुसार, श्रमिकों ने पिछले एक सप्ताह से घर आने की मांग को लेकर परियोजना में काम करना बंद कर दिया है। वहीं, फ़्यून्टशॉलिंग में 108 श्रमिकों को ठेकेदार मुफ्त में खाना और रहने की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं।

आखिर क्यों लौटना चाहते हैं मजदूर

जानकारी के अनुसार, परियोजना में जुड़े अधिकांश श्रमिक झारखंड और बंगाल के हैं। इस बार अच्छी बारिश के कारण लोगों ने खेती भी शुरू कर दी है। परियोजना से जुड़े सभी श्रमिक अपने घरों के मुखिया हैं, जो खेती के काम में अपनी बड़ी भूमिका निभाते हैं। कुछ श्रमिकों ने बताया कि पानी व सिंचाई के साथ उनकी अपनी भी कुछ समस्याएं हैं, जिसे लेकर वह गाँव लौटाना चाहते हैं। उनके लिए परिवार के साथ रहने की जरूरत है। 

कब से कर रहे हैं काम

पीआईआई की जल विद्युत परियोजना में पिछले छह से आठ महीने से कर्मचारी जुड़े हुए हैं। अब इनमें से अधिकांश घर लौटना चाह रहे हैं। उनके घर आने पर दूसारा इनकी जगह काम पर लग जाता है। भारत में लॉकडाउन के बाद भूटान में काम कर रहे श्रमिक नहीं आ सके और अब भारतीय दूतावास से संपर्क कर उन्हें भेजने पर विचार कर रहा है। हालाँकि, प्रबंधन की ओर से श्रमिकों को प्रतिमाह 4000 रुपये प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई। इसके अलावा रहने और खाने की अलग से व्यवस्था की गयी।

पुनात्संगछु हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (पीआई) और पीआईआई की रिक्त पदों को भरने के लिए भूटानी नागरिकों का सहारा लिया जा रहा है। बताया जाता है कि पीआई के लगभग 200 श्रमिक घर के लिए निकलना चाहते थे, लेकिन आने की व्यवस्था नहीं होने के कारण वे लौट आए। पीआई के एमडी एनसी बंसल के अनुसार, श्रमिकों के मामले में पीआईआई द्वारा की जाने वाली प्रक्रियाओं को पालन पीआई प्रबंधन करेगा। वहीं, पीआईआई के एमडी अमरेश कुमार ने बताया कि भूटानी सरकार और भारतीय दूतावास के को विभाजित -19 टास्क फोर्स के मैनपावर के मुद्दे को साथ मिलकर दूर करने के लिए आश्वस्त है।

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