सावन की सोमवारी भी ऑनलाइन दर्शन देंगे बाबा बैद्यनाथ

बाबा बैद्यनाथ की होगी केवल पारम्परिक पूजा

Baba baidyanath
देवघर के बाबा मंदिर परिसर में सन्नाटा

सावन महीने में भगवान शिव की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। खासकर सोमवारी के दिन शिवभक्त शिवालयों में जाकर जरूर शिवलिंग की अवश्य पूजा करते हैं। हर साल श्रावणी मास पर भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक झारखण्ड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ के मनोकामनालिंग के दर्शन और जलार्पण के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबानगरी पहुंचते हैं, मगर ऐसी नौबत कभी नहीं आयी कि भक्तों के लिए बाबा बैद्यनाथ मंदिर के कपाट बंद हो जाये। लेकिन, पूरी दुनिया में फैल चुकी कोरोना महामारी ने बाबा मंदिर को भी अपने साये में ले लिया। जिस श्रावणी मेले की तैयारियों में शिवभक्तों को हर सुविधा देने के लिये सरकार से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक 3-4 महीने पहले से लग जाते थे। उसी श्रावणी मास में भक्तों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए सरकार के साथ प्रशासनिक महकमे ने भक्तों के आने पर रोक लगा दी है। 

बाबा मंदिर और आसपास सन्नाटा, केवल तीर्थ पुरोहित कर रहे पारम्परिक पूजा

सावन के लगभग 21 दिन पूरे हो को हैं, मगर सबका कष्ट हरने वाले बाबा बैद्यनाथ पर उनके भक्त जलार्पण नहीं कर  पाएंगे, यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था। सावन की शुरुआत ही सोमवारी के शुभ दिन से हुआ था और इस पवित्र महीने का समापन भी सोमवारी से ही होगा। यह एक अद्भुत संयोग है। लेकिन एक संयोग यह भी है कि भोलेनाथ के भक्त उनका ध्यान घरों से ही कर पाएंगे। कोरोना महामारी के कारण मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ है। बाबा बैद्यनाथ की प्रातःकालीन और सांध्यकालीन पारम्परिक पूजा के बाद मन्दिर के द्वार बंद कर दिये जाते हैं। केवल तीर्थ पुरोहित ही दोनों समय की पूजा की परम्परा को निभाते आ रहे हैं। चौथी सोमवारी को भी तीर्थ पुरोहित बाबा बैद्यनाथ की विशेष पूजा पारम्परिक तरीके से करेंगे। जबकि शाम की श्रृंगार पूजा भी करेंगे।

ऑनलाइन दिखायी जा रही पूजा, अबतक लाखों भक्त कर चुके हैं दर्शन

भक्त भले ही बाबा के दरबार नहीं आ सके, मगर सावन के महीने में भी भगवान भोलेनाथ के दर्शन उन्हें आसानी से हो सकें, इसके लिए बाबा बैद्यनाथ की प्रातःकालीन और सायंकालीन पूजा को ऑनलाइन लाइव टेलीकास्ट भी किया जा रहा है। सावन के इन 3 सप्ताह में 1 मिलियन से भी अधिक लोग बाबा का ऑनलाइन दर्शन कर चुके हैं। जो खुद में एक बड़ी उपलब्धि है। 

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