क्या मुंबई पुलिस की मिलीभगत ने मिटाये सुशांत की मौत के साक्ष्य?
सुशांत की मौत के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये तस्वीरें |
सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच अब सीबीआई के हवाले सौंप दी गयी है और बिहार पुलिस के उस एफआईआर को भी कोर्ट ने सही ठहराया है जिसे, महाराष्ट्र सरकार, वहां की पुलिस और इस पूरे मामले में सबसे बड़ी आरोपी रिया चक्रवर्ती ने औचित्यहीन बताते हुए केस की जांच कर रही महाराष्ट्र पुलिस पर ही भरोसा जताया था। सुशांत की मौत के बाद जाँच में जिस तरह का रवैया महाराष्ट्र की पुलिस ने अपनाया, उसने न केवल इस राज्य की खाकी वर्दी से भरोसा उठा दिया, बल्कि यहाँ की सरकार की भी हकीकत खोल कर सामने ला दी है। साथ ही बिहारियों के प्रति सियासी साजिश को भी उजागर कर दिया। आम तौर पर सन्देहास्पद आत्महत्या के मामलों में पुलिस जांच पड़ताल के बाद ही कुछ बयान जारी करती है। मगर, मुंबई पुलिस ने जिस जल्दबाजी से इसे आत्महत्या करार देने की कोशिश की और इसके बाद सुशांत सिंह राजपूत को डिप्रेस्ड बताने की कोशिश की इससे पहली दफा तो लोगों ने सुसाइड ही मान लिया था, लेकिन जैसे जैसे कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया और कंगना रनौत जैसी अभिनेत्रियों ने बॉलीवुड में होकर भी सच के लिए मोर्चा संभाला शक की सूई बढ़ती गयी।
सुशांत की मौत के बाद मुंबई पुलिस की लापरवाही ने ऐसे ढेरों सवाल सोशल मीडिया समेत मीडिया और राजनीतिक गलियारों में उठने लगे हैं, जिसका जवाब अब सीबीआई को ढूंढना है। साथ ही इंडस्ट्री में उन लोगों को भी पर्दाफाश करना है जो चमकते चेहरों में काले कारनामों को छुपाते हैं।
मुम्बई पुलिस की इन हरकतों पर उठ रहे सवाल
- पहले दिन ही मुंबई पुलिस जब सुशांत की मौत की सूचना पर उनके अपार्टमेंट पहुंचीं तो क्या कमरे के अंदर फिंगर प्रिंट तलाशे गये?
- क्या सुशांत की मौत के बाद उनकी हाइट और कमरे और बेड की हाइट की नाप ली गयी थी?
- जिस फंदे से सुशांत के लटकने की बात कही गयी उसके और सुशांत के गले पर निशान की फॉरेंसिक जांच की गयी थी?
- मुंबई पुलिस के साथ काले टीशर्ट में खड़ा शख्स कौन था, जो एक काले बैग को लेकर भागता है और किसी को देकर फिर घटनास्थल पर पुलिस के साथ खड़ा हो जाता है?
- नीली टीशर्ट में वह लड़की कौन थी, जो परेशान दिख रही थी?
- मुम्बई पुलिस क अनुसार, अगर सुशांत ने फंदे से लटक कर जान दी थी तो शव को फंदे से किसने और पुलिस के आने से पहले क्यों उतारा? उससे कड़ाई से पूछताछ क्यों नहीं की गयी और शक के दायरे में क्यों नहीं रखा गया?
- इंडस्ट्री में रिया चक्रवर्ती समेत सुशांत के करीबियों और फ़ोन कॉल और मैसेज समेत अन्य प्लेटफॉर्म पर अंतिम समय में एक्टिव लोगों को भी संदेह में क्यों नहीं रखा गया?
- क्या पुलिस द्वारा महेश भट्ट जैसे लोगों को बुलाने का मकसद पूछताछ करना था या केवल फ्रेंडली मुलाकात करना?
- अगर मुम्बई पुलिस ईमानदारी से जांच कर रही थी तो पटना के एसपी को क्यों क्वारन्टीन कर दिया गया, बिहार पुलिस को सहयोग क्यों नहीं किया गया?