TikTok: टिकटोक के सामने आ रहे कई ख़रीदार

5 बिलियन डॉलर में माइक्रोसॉफ्ट ने की खरीदने की तैयारी


चीन के खिलाफ एकजुट हो चुके भारत समेत कई देशों में चीन के उत्पाद और मोबाइल एप्लिकेशन बैन किये गये हैं। भारत में TikTok के बैन होने के बाद अमेरिका में भी इसे बैन करने की तैयारी में ट्रम्प सरकार जुटी थी। इसे लेकर 2 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प घोषणा करने वाले थे। इसकी वजह चीन के इस शॉर्ट वीडियो मोबाइल एप्लीकेशन पर डेटा सेक्युरिटी को लेकर विवाद है। भारत में TikTok के बैन होने पर इसे बड़ा घाटा लगा है, वहीं अमेरिका में अगर यह ऐप बन्द हो जाता तो कंपनी को काफी नुकसान होता। इससे बचने के लिये TikTok की पैरेंट कंपनी BITEDANCE ने इसे बेचने का फैसला लिया है। जानकारी के अनुसार, यह कंपनी 5 बिलियन डॉलर में माइक्रोसॉफ्ट के हाथों बिकने के लिए तैयार है। इसे लेकर पिछले एक महीने से दोनों कंपनियों में बात चल रही थी , मगर हिस्सेदारी को लेकर मामला फंस रहा था। TikTok और माइक्रोसॉफ्ट के इस सौदे में टिक टॉक अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने को तैयार नहीं था मगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप किसी भी सूरत में चीन की इस कंपनी के एक फीसदी भी हिस्सेदारी के समर्थन में नहीं थे। ट्रम्प यह कतई नहीं चाहते थे कि उन्हें अमेरिका में चीन के TikTok का नाम भी आये। ऐसी सूरत में माइक्रोसॉफ्ट के साथ TikTok ने सौदा कर अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने का बड़ा फैसला ले लिया है। 

तो भारत में भी हट सकता है टिकटोक पर लगा बैन 

Microsoft और TikTok के बीच सौदे के बाद TikTok पूरी तरह से अमेरिकी मोबाइल एप्लीकेशन कंपनी बन जायेगा। Bitedance तो 5 बिलियन डॉलर लेकर अपना रास्ता अलग कर लेगी, मगर TikTok अमेरिकियों के स्मार्टफोन पर पहले की तरह चलता रहेगा। अमेरिकी कंपनी बन जाने के बाद भारत सरकार टिकटोक पर से बैन हटा सकती है, और जल्द ही प्ले स्टोर के जरिये लोगों के मोबाइल पर दिखना शुरू हो हो सकता है। हालांकि, TikTok पर डेटा सेक्युरिटी की पूरी जवाबदेही माइक्रोसॉफ्ट की हो जायेगी।

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